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नौजवानों के सवाल

बाइबल मेरी मदद कैसे कर सकती है?—भाग 2: बाइबल पढ़ना मज़ेदार बनाएँ

बाइबल मेरी मदद कैसे कर सकती है?—भाग 2: बाइबल पढ़ना मज़ेदार बनाएँ

 विल नाम का एक जवान कहता है, “अगर आप सही तरीके से बाइबल न पढें, तो इसे पढ़ना बोरिंग लग सकता है।”

 क्या आप इसका राज़ जानना चाहेंगे कि आप बाइबल की पढ़ाई को कैसे मज़ेदार बना सकते हैं? यह लेख आपकी मदद करेगा।

 आयतों में जान डाल दीजिए

 आप जो भी पढ़ें, उसमें पूरी तरह खो जाइए। इसके लिए आप नीचे बताए तरीके आज़मा सकते हैं:

  1.   बाइबल में लिखा कोई ब्यौरा चुनिए। आप खुशखबरी की किताब में से कोई ब्यौरा या कुछ आयतें चुन सकते हैं। या फिर आप jw.org से नाटक के अंदाज़ में पढ़ी गयी आयतों में से कोई चुन सकते हैं।

  2.   उस ब्यौरे को पढ़िए। आप अकेले पढ़ सकते हैं या अपने दोस्तों या परिवारवालों के साथ मिलकर पढ़ सकते हैं। आप में से कोई एक जन ब्यौरा पढ़ सकता है और बाकी लोग अलग-अलग किरदारों की कही बातें पढ़ सकते हैं।

  3.   नीचे दिया गया कोई एक सुझाव या कई सुझाव आज़माकर देखिए:

    •   ब्यौरे की तसवीर बनाइए। या फिर स्टोरी-बोर्ड बनाइए यानी कई सारी सरल तस्वीरें बनाइए और घटनाएँ जिस क्रम में हुई थीं, उस क्रम में एक-एक तसवीर रखिए। हर तसवीर के नीचे लिखिए कि उस तसवीर में क्या दिखाया गया है।

    •   जब आप किसी वफादार इंसान के बारे में पढ़ रहे हों, तो लिखिए कि उसमें कौन-से अच्छे गुण थे और उसने कौन-से अच्छे काम किए थे। फिर उसके आगे लिखिए कि उसे क्या आशीषें मिली थीं।

    •   उस ब्यौरे को खबरों के रूप में पेश कीजिए और अलग-अलग नज़रिए से जानकारी देने की कोशिश कीजिए। सोचिए कि अगर आप वहाँ होते और आप मुख्य किरदारों और चश्‍मदीद गवाहों का इंटरव्यू लेते, तो वे क्या जवाब देते। उनके जवाब लिख लीजिए।

    •   अगर कहानी में किसी किरदार ने गलत फैसला लिया हो, तो सोचिए कि अगर उसने सही फैसला लिया होता तो क्या होता। जैसे जब पतरस ने यीशु को जानने से इनकार कर दिया था। (मरकुस 14:66-72) सोचिए कि उस तनाव-भरे हालात में पतरस क्या करता तो उससे यह गलती नहीं होती?

    •   अगर आप अपनी पढ़ाई को और मज़ेदार बनाना चाहते हैं, तो बाइबल के किसी ब्यौरे के बारे में एक नाटक लिखिए। आपको उस ब्यौरे से जो-जो सीख मिली है, वह सब नाटक में शामिल कीजिए।​— रोमियों 15:4.

      बाइबल में लिखी घटनाओं को अपनी आँखों से होता देखिए!

 छान-बीन कीजिए!

 अगर आप किसी भी ब्यौरे की एक-एक बात ध्यान से पढ़ेंगे, तो आपको उसमें ऐसे रत्न मिलेंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखे थे। कभी-कभी तो ऐसा होता है कि एकाध शब्द में भी बहुत-सी बातें छिपी होती हैं।

 उदाहरण के लिए, मत्ती 28:7 की तुलना मरकुस 16:7 से कीजिए।

  •   मरकुस ने लिखा कि जल्द ही यीशु बाकी चेलों को “और पतरस”  को दिखायी देगा। उसने पतरस का अलग से ज़िक्र क्यों किया?

  •  सुराग: मरकुस ने ये घटनाएँ अपनी आँखों से नहीं देखी थीं। ऐसा मालूम पड़ता है कि उसे ये बातें पतरस ने बतायी थीं।

  •  छिपा हुआ रत्न: पतरस को यह जानकर हौसला क्यों मिला होगा कि यीशु उससे फिर से मिलना चाहता था? (मरकुस 14:66-72) यीशु ने यह कैसे दिखाया कि वह पतरस का सच्चा दोस्त है? आप कैसे यीशु की तरह दूसरों के सच्चे दोस्त बन सकते हैं?

 आयतों में बतायी घटनाओं को अपनी आँखों से होता हुआ देखिए और उनकी बारीकियों पर ध्यान दीजिए। तब आपको बाइबल पढ़ने में बहुत मज़ा आएगा।