नीतिवचन 14:1-35

14  जो औरत सचमुच में बुद्धिमान है वह अपना घर बनाती है,+मगर मूर्ख अपने ही हाथों से उसे उजाड़ देती है।   सीधाई की राह पर चलनेवाला यहोवा का डर मानता है,लेकिन टेढ़ी चाल चलनेवाला परमेश्‍वर को तुच्छ जानता है।   मूर्ख की घमंड से भरी बातें छड़ी की मार जैसी हैं,लेकिन बुद्धिमान के होंठ हिफाज़त देते हैं।   जहाँ गाय-बैल नहीं होते, वहाँ चरनी साफ रहती है,लेकिन बैल की ताकत से बहुत पैदावार होती है।   विश्‍वासयोग्य गवाह झूठ नहीं बोलता,लेकिन झूठा गवाह बात-बात पर झूठ बोलता है।+   हँसी उड़ानेवाला बुद्धि को ढूँढ़ता है पर उसे नहीं पाता,लेकिन समझ रखनेवाले को ज्ञान आसानी से मिल जाता है।+   मूर्ख से दूर रह,उसकी बातों से तुझे कोई ज्ञान नहीं मिलेगा।+   होशियार इंसान की बुद्धि उसे बताती है कि वह किस राह पर है,लेकिन मूर्ख अपनी मूर्खता से धोखा खाता है।*+   मूर्ख अपनी गलती को* हँसी में उड़ा देता है,+लेकिन सीधे-सच्चे लोग सुलह करने के लिए तैयार रहते हैं।* 10  एक इंसान ही अपने दिल का दर्द जानता हैऔर उसकी खुशी को कोई दूसरा नहीं समझ सकता। 11  दुष्ट का घर बरबाद हो जाएगा,+लेकिन सीधे-सच्चे लोगों का डेरा आबाद रहेगा। 12  ऐसा भी रास्ता है जो इंसान को सही लगता है,+मगर आखिर में वह उसे मौत की तरफ ले जाता है।+ 13  हँसी के पीछे भी दिल का गम छिपा हो सकता हैऔर मौज-मस्ती दुख में बदल सकती है। 14  जिसका दिल परमेश्‍वर से दूर हो गया है वह अपने कामों का फल भोगेगा,+लेकिन अच्छे इंसान को अपने कामों का बढ़िया फल मिलेगा।+ 15  नादान हर बात पर आँख मूँदकर यकीन करता है,लेकिन होशियार इंसान हर कदम सोच-समझकर उठाता है।+ 16  बुद्धिमान सतर्क रहता है और बुराई से मुँह फेर लेता है,लेकिन मूर्ख बेफिक्र होता है* और खुद पर ज़्यादा ही भरोसा करता है। 17  जो फौरन भड़क उठता है, वह मूर्खता का काम करता है,+मगर जो रुककर सोचता है* उससे नफरत की जाती है। 18  नादान को सिर्फ मूर्खता मिलेगी,लेकिन होशियार को ज्ञान का ताज पहनाया जाएगा।+ 19  बुरे लोगों को अच्छे लोगों के आगे झुकना पड़ेगाऔर दुष्ट को नेक के फाटकों के सामने झुकना होगा। 20  गरीब से उसके अपने भी नफरत करते हैं,+लेकिन अमीर के कई दोस्त होते हैं।+ 21  जो दूसरों को तुच्छ समझता है वह पाप करता है,लेकिन जो गरीब पर दया करता है वह सुखी है।+ 22  जो साज़िश करता है क्या वह सही राह से भटक नहीं जाएगा? लेकिन जो भला करना चाहता है, उससे अटल प्यार और वफादारी निभायी जाएगी।+ 23  मेहनत के हर काम से फायदा होता है,मगर जो सिर्फ बातें करना जानता है वह कंगाल हो जाता है।+ 24  बुद्धिमान की दौलत उसके सिर का ताज है,लेकिन मूर्ख के काम मूर्खता के ही होते हैं।+ 25  सच्चा गवाह जान बचाता है,लेकिन धोखेबाज़ बात-बात पर झूठ बोलता है। 26  जो यहोवा का डर मानता है, वह उस पर पूरा भरोसा रखता है+और उसके बच्चों को भी पनाह मिलेगी।+ 27  यहोवा का डर मानना जीवन का सोता है,यह मौत के फंदे में फँसने से बचाता है। 28  बड़ी प्रजा राजा की शान है,+लेकिन जहाँ प्रजा नहीं, वहाँ शासक बरबाद हो जाता है। 29  जो क्रोध करने में धीमा है वह पैनी समझ से मालामाल है,+लेकिन जो उतावली करता है वह अपनी मूर्खता दिखाता है।+ 30  शांत मन से शरीर भला-चंगा रहता है,लेकिन जलन हड्डियों को गला देती है।+ 31  जो दीन-दुखियों को ठगता है, वह उनके बनानेवाले का अपमान करता है,+लेकिन जो गरीब पर दया करता है वह परमेश्‍वर की महिमा करता है।+ 32  दुष्ट के बुरे काम उसे ले डूबेंगे,लेकिन नेक जन अपनी निर्दोष चाल की वजह से शरण पाएगा।+ 33  समझदार के मन में बुद्धि चुपचाप बसी रहती है,+लेकिन मूर्ख अपनी बुद्धि जताने के लिए उतावला रहता है। 34  नेकी एक देश को ऊँचा उठाती है,+लेकिन पाप लोगों पर बदनामी लाता है। 35  जो सेवक अंदरूनी समझ दिखाता है, राजा उससे खुश होता है,+मगर जो शर्मनाक काम करता है, राजा उस पर भड़क उठता है।+

कई फुटनोट

या शायद, “से दूसरों को धोखा देता है।”
या “गलती सुधारने को।”
या “लोगों के बीच अच्छी भावना होती है।”
या “भड़क उठता है।”
या “मगर जिसके पास सोचने-परखने की शक्‍ति है।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो