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सिगरेट—कैसे देखता है परमेश्‍वर इसे?

सिगरेट—कैसे देखता है परमेश्‍वर इसे?

नॉको जिसका ज़िक्र हमने पिछले लेख में किया, वह सिगरेट की लत छोड़ने में कामयाब हो पायी। वह कहती है, “परमेश्‍वर का मकसद और उसके गुणों के बारे में सच्चाई जानकर मैं अपनी ज़िंदगी बदल पायी।” उसने जो सीखा वह बाइबल में दर्ज़ है। हालाँकि बाइबल सिगरेट a या तंबाकू का ज़िक्र नहीं करती लेकिन इस बारे में परमेश्‍वर का क्या नज़रिया है, इसे समझने में हमारी मदद ज़रूर करती है। कई लोगों ने बाइबल से जो सीखा, उसकी मदद से वे अपनी इस आदत पर काबू पा सके, यहाँ तक कि उसे पूरी तरह छोड़ पाए हैं। (2 तीमुथियुस 3:16, 17) आइए ऐसे तीन बुरे अंजामों के बारे में चर्चा करें जो सिगरेट पीने से होते हैं और गौर करें कि बाइबल इनके बारे में क्या बताती है।

शुरू में मज़ा बाद में सज़ा

सिगरेट में एक तरह का बहुत ही नशीला पदार्थ निकोटीन होता है जिसकी एक व्यक्‍ति को लत लग जाती है। यह पदार्थ एक इंसान में उत्तेजना पैदा करता है, साथ ही उसे सुस्त बना देता है। जितनी बार एक व्यक्‍ति सिगरेट पीता है, उतनी बार निकोटीन तुरंत उसके दिमाग तक पहुँचता है। एक कश में एक व्यक्‍ति, जितनी मात्रा में निकोटीन लेता है, उस हिसाब से अगर वह दिन-भर में एक पैकेट सिगरेट पीता है, तो वह उतनी ही मात्रा में निकोटीन लगभग 200 बार अंदर लेता है। दूसरे नशीले पदार्थों के मुकाबले इसमें ज़्यादा मात्रा में निकोटीन होता है। इस तरह बार-बार निकोटीन लेने से एक व्यक्‍ति को उसकी लत लग जाती है। फिर उसे निकोटीन की तलब हमेशा बनी रहती है और वह किसी-भी कीमत पर इसे मिटाने की कोशिश करता है।

‘अगर आप किसी की आज्ञा मानते हैं तो आप उसके गुलाम बन जाते हैं।’—रोमियों 6:16

अगर आप सिगरेट के गुलाम हैं, तो क्या आप वाकई परमेश्‍वर की आज्ञा मान रहे होंगे?

बाइबल इस बारे में सही नज़रिया रखने में हमारी मदद करती है। “क्या तुम नहीं जानते कि अगर तुम किसी की आज्ञा मानने के लिए खुद को गुलामों की तरह उसके हवाले करते रहते हो, तो उसी के गुलाम बन जाते हो?” (रोमियों 6:16) जब तंबाकू की तलब एक व्यक्‍ति की सोच और काम पर हावी हो जाती है तो वह उस बुरी आदत का गुलाम बन जाता है। लेकिन परमेश्‍वर जिसका नाम यहोवा है, वह चाहता है कि हम आज़ाद ज़िंदगी जीएँ, न सिर्फ उन आदतों से आज़ाद जो हमारे शरीर को नुकसान पहुँचाती हैं बल्कि उनसे भी जो हमारे मन यानी सोचने की शक्‍ति पर असर करती हैं। (भजन 83:18; 2 कुरिंथियों 7:1) इसलिए जब एक व्यक्‍ति के दिल में यहोवा के लिए आदर और प्यार बढ़ता है, तो उसे एहसास होता है कि उसे यहोवा को अपना भरसक देना है और अगर वह किसी आदत का गुलाम हो जाता है तो वह परमेश्‍वर को अपना भरसक नहीं दे पाता। यही एहसास एक व्यक्‍ति को इन बुरी आदतों से दूर रहने में मदद देता है।

जर्मनी में रहनेवाले ओलाफ ने 12 साल की उम्र से ही सिगरेट पीना शुरू कर दिया था, मगर वह 16 साल से लगी इस लत पर काबू पा सका। वह कहता है, “शुरू-शुरू में सिगरेट का पहला कश लेने में मज़ा आता है, लेकिन सालों के चलते जब यह लत बन जाती है, तो यह एक व्यक्‍ति को मौत के कुएँ में ढकेल देती है। एक बार की बात है, मेरी सारी सिगरेट खत्म हो गयीं, मैं इतना परेशान हो गया कि खुद पर काबू न रख सका। मैंने राखदानी (ऐशट्रे) से बचे हुए सिगरेट के टुकड़ों में से तंबाकू निकालकर अखबार के कागज़ पर डाली और उसकी एक सिगरेट बनायी। लेकिन मन-ही-मन मैं महसूस कर रहा था कि मेरी दशा कितनी शर्मनाक हो गयी है।” ओलाफ कैसे अपनी यह लत छोड़ पाया? वह कहता है, “सबसे बड़ी बात थी यहोवा को खुश करने की मेरी दिली ख्वाहिश। साथ ही, यह जानना कि यहोवा इंसानों से प्यार करता है और उसने उन्हें एक आशा दी है। इस बात से मुझे अपनी लत पर काबू पाने और इसे हमेशा के लिए छोड़ने की ताकत मिली।”

हर कश में चूसती है खून

किताब टबैको ऐटलस कहती है: “वैज्ञानिक तौर पर यह साबित हुआ है कि सिगरेट पीने से एक व्यक्‍ति के शरीर के हर अंग पर इसका बुरा असर होता है, जो बीमारी को दावत देने के साथ-साथ उन्हें मौत के करीब ले जाता है।” यह बात सबको पता है कि सिगरेट पीने से कैंसर, दिल की बीमारी और फेफड़ों की बीमारियाँ होती हैं। लेकिन विश्‍व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि सिगरेट पीने से टी.बी जैसी संक्रामक बीमारियाँ भी फैलती हैं, जो कई लोगों की मौत सबब बन जाती हैं।

“तुझे अपने परमेश्‍वर यहोवा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान और अपने पूरे दिमाग से प्यार करना है।”—मत्ती 22:37

अगर आप बुरी आदतों की वजह से परमेश्‍वर के दिए शरीर को नुकसान पहुँचाते हैं, तो क्या आप परमेश्‍वर के लिए प्यार और आदर दिखा रहे होंगे?

अपने वचन बाइबल के ज़रिए यहोवा हमें सिखाता है कि हमें अपने जीवन, शरीर और काबिलीयतों के बारे में सही नज़रिया रखना चाहिए। इसी बात की तरफ इशारा करते हुए उसके बेटे यीशु ने कहा: “तुझे अपने परमेश्‍वर यहोवा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान और अपने पूरे दिमाग से प्यार करना है।” (मत्ती 22:37) ज़ाहिर है परमेश्‍वर चाहता है कि हम अपनी ज़िंदगी और शरीर का अच्छा इस्तेमाल करें और उसकी अहमियत समझें। जैसे-जैसे हम यहोवा और उसके वादों के बारे में सीखते हैं, वैसे-वैसे हम जान पाते हैं कि उसने हमें बहुत कुछ दिया है। यह जानकार हमारे दिल में प्यार और एहसानमंदी की भावना बढ़ जाती है।

भारत के एक डॉक्टर जयवंत, 38 साल तक सिगरेट की लत के शिकार रहे। उनका कहना है: “मैंने मेडिकल पत्रिकाओं से सिगरेट पीने से होनेवाले नुकसानों के बारे में सीखा था। मुझे मालूम था कि यह गलत है और मैंने अपने मरीज़ों को भी यह लत छोड़ने की सलाह दी। मगर अफसोस पाँच-छ: बार कोशिश करने के बावजूद मैं इसे नहीं छोड़ पा रहा था।” तो फिर किससे उन्हें मदद मिली? वे कहते हैं: “बाइबल अध्ययन करने की वजह से मैं अपनी यह लत छोड़ पाया। इससे मेरे अंदर यहोवा को खुश करने की इच्छा बढ़ गयी और इसी से मुझे यह लत छोड़ने की प्रेरणा मिली।”

दूसरों को भी लेती है चपेट में

सिगरेट पीनेवाले जो धुआँ अंदर लेते हैं और जो बाहर छोड़ते हैं, वे दोनों ही ज़हरीले हैं। इनके इर्द-गिर्द रहनेवाले भी इस धुएँ को लेते हैं जिससे कैंसर और दूसरी बीमारियाँ हो सकती हैं। यही नहीं, हर साल इससे 6,00,000 लोग मरते हैं जिनमें ज़्यादातर औरतें और बच्चे शामिल हैं। WHO की एक रिपोर्ट आगाह करती है: “जो लोग सिगरेट के धुएँ में साँस लेते हैं उनके लिए यह सोचना नामुमकिन है कि वे सुरक्षित हैं।”

“तुझे अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना है जैसे तू खुद से करता है।”—मत्ती 22:39

अगर आप अपने परिवार और आस-पास के लोगों को सिगरेट के धुएँ के हवाले करते हैं, तो क्या आप वाकई उनके लिए प्यार दिखा रहे होंगे?

यीशु के मुताबिक हमारे अंदर परमेश्‍वर का प्यार होना बहुत ज़रूरी है। उसके बाद आता है परिवार, पड़ोसी और आस-पास रहनेवालों के लिए प्यार। उसने कहा: “तुझे अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना है जैसे तू खुद से करता है।” (मत्ती 22:39) हमारी आदतों से अगर आस-पास रहनेवालों को नुकसान पहुँचता है, तो हम पड़ोसी के लिए प्यार नहीं दिखा रहे होंगे। सच्चा प्यार हमें उकसाएगा कि हम बाइबल की यह सलाह मानें: “हर कोई अपना ही फायदा न सोचे, बल्कि उन बातों की खोज में लगा रहे जिनसे दूसरों का फायदा हो।”—1 कुरिंथियों 10:24.

आर्मीनिया में रहनेवाला ऑरमॉन कहता है: “मेरे सिगरेट पीने से मेरे परिवारवालों पर बुरा असर पड़ रहा था, वे मुझसे बार-बार बिनती करते कि मैं इसे छोड़ दूँ। लेकिन मैं इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं था कि इसका उन पर बुरा असर पड़ सकता है।” लेकिन बाद में उसकी सोच बदली। आखिर कैसे? वह कहता है, “बाइबल का ज्ञान और यहोवा के लिए प्यार ने मुझे यह लत छोड़ने में मदद दी। साथ ही यह मानने में भी कि मेरी इस आदत से न सिर्फ मुझे नुकसान पहुँच सकता है बल्कि मेरे आस-पास रहनेवालों को भी इससे तकलीफ हो सकती है।”

सिगरेट छोड़ें, आशीषें बटोरें

ओलाफ, जयवंत और ऑरमॉन बाइबल की मदद से अपनी यह लत छोड़ पाए जिससे न सिर्फ उन्हें नुकसान हो रहा था बल्कि दूसरों को भी। उनकी इस कामयाबी की वजह सिर्फ यह जानना नहीं था कि सिगरेट हानिकारक है बल्कि वे सब इसलिए कामयाब हो पाए क्योंकि उन्हें यहोवा से प्यार था और उसे खुश करने की उनमें ज़बरदस्त इच्छा थी। प्यार के इस गुण के बारे में ज़ोर देते हुए 1 यूहन्‍ना 5:3 कहता है: “परमेश्‍वर से प्यार करने का मतलब यही है कि हम उसकी आज्ञाओं पर चलें; और उसकी आज्ञाएँ हम पर बोझ नहीं हैं।” यह सच है कि बाइबल सिद्धांतों को लागू करना हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन जब एक व्यक्‍ति परमेश्‍वर के प्यार से उभारे जाकर कुछ करता है, तो आज्ञाएँ मानना उसे बोझ नहीं लगता।

आज यहोवा दुनिया-भर में लाखों लोगों तक बाइबल का ज्ञान पहुँचा रहा है, ताकि उन्हें बुरी आदतों से छुटकारा मिले। साथ ही, वह तंबाकू जैसी लत के गुलाम बनने से उन्हें आज़ाद कर रहा है। (1 तीमुथियुस 2:3, 4) बहुत जल्द यहोवा अपने राज यानी एक ऐसी सरकार जो स्वर्ग से राज करेगी और जिसका राजा यीशु मसीह होगा, उसकी मदद से इस लालची व्यापार जगत को जड़ से उखाड़ फेंकेगा, जो आज लाखों लोगों को तंबाकू का गुलाम बना रहा है। वह इस महामारी को मिटाकर अच्छे हालात लाएगा। वह आज्ञा माननेवाली एक ऐसी मानवजाति तैयार करेगा जो तन और मन से शुद्ध होगी।—यशायाह 33:24; प्रकाशितवाक्य 19:11, 15.

अगर आपको सिगरेट छोड़ने में मुश्‍किल हो रही है, तो हिम्मत मत हारिए। जब आप यहोवा से प्यार करना और सिगरेट के बारे में उसके नज़रिए की कदर करना सीखेंगे, तो आपको भी यह लत छोड़ने की प्रेरणा मिलेगी। यहोवा के साक्षियों को आपके साथ निजी तौर पर बाइबल पढ़ने, उसमें दिए सिद्धांत लागू करने और व्यवहारिक मदद देने में खुशी होगी। यकीन रखिए अगर आपको इस लत से छुटकारा पाने में मदद चाहिए तो यहोवा ज़रूर आपकी मदद करेगा। वह आपको भरपूर ताकत और हिम्मत देगा ताकि आप यह लत छोड़ने में कामयाब हो सकें।—फिलिप्पियों 4:13. ▪ (w14-E 06/01)

a हालाँकि इस लेख में शब्द सिगरेट इस्तेमाल हुआ है, मगर यह तंबाकू के किसी भी तरह के सेवन को दर्शाता है। जैसे सिगार, बीड़ी, पाइप या हुक्का पीना। साथ ही, इसमें बताए सिद्धांत तंबाकू चबाने, सूँघने, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट जिसमें निकोटीन होता है और ऐसी ही दूसरी चीज़ों के इस्तेमाल पर भी लागू होते हैं।