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डेंगू इसका बढ़ता खतरा

डेंगू इसका बढ़ता खतरा

डेंगू इसका बढ़ता खतरा

“मोरेलोस राज्य के स्वास्थ्य केंद्र . . . और एमिलीआनो ज़ापाटा कस्बे के स्वास्थ्य परिषद की तरफ से यहोवा के साक्षियों के राज-घर को सर्टिफिकेट दिया जाता है . . . क्योंकि [साक्षियों] ने राज-घर के आस-पास की जगह को साफ-सुथरा रखने और उसे डेंगू फैलानेवाले मच्छरों से मुक्‍त रखने में बहुत मेहनत की है।”

बीमारी फैलानेवाले मच्छरों को लेकर मेक्सिको के अधिकारियों की चिंता जायज़ है। क्योंकि कुछ मच्छर एक तरह का वायरस फैलाते हैं जिससे डेंगू होता है और यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। सन्‌ 2010 में मेक्सिको में 57,000 से ज़्यादा लोग डेंगू बुखार से पीड़ित हुए। मेक्सिको के अलावा ऐसे 100 से भी ज़्यादा देश हैं जहाँ अब डेंगू बहुत आम हो चला है। दरअसल विश्‍व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि हर साल दुनिया-भर में डेंगू के 5 करोड़ मामले सामने आते हैं और दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी को यह बीमारी होने का खतरा है। इसलिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऐसे कार्यक्रम चलाए हैं जिनसे सफेद धब्बेवाले एडिस एजिप्टी मच्छरों का खात्मा किया जा सके, क्योंकि ये डेंगू वायरस फैलाते हैं। *

डेंगू गरम और नमीवाले इलाकों और उसके आस-पास के इलाकों में ज़्यादा फैलता है, खासकर बारिश के मौसम में और भयंकर तूफान या बाढ़ जैसी प्राकृतिक विपत्तियों के बाद। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मादा एडिस मच्छर अपने अंडे वहीं देती है जहाँ पानी जमा हुआ होता है। * लैटिन अमरीका और कैरिबियन द्वीपों के लगभग सभी घरों में लोग टंकी में पानी भरकर रखते हैं, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है कि उन्हें अपनी टंकियाँ ढककर रखनी चाहिए। इस तरह मच्छरों को पनपने की जगह नहीं मिलेगी। साथ ही, अगर लोग अपने घरों के आस-पास पुराने टायर, कनस्तर, गमले, प्लास्टिक के डब्बे न रखें जिनमें पानी इकट्ठा हो सकता है, तो वे मच्छरों को बढ़ने से रोक सकते हैं।

डेंगू बुखार का पता लगाना और उससे लड़ना

डेंगू के लक्षण, फ्लू के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं, इसलिए डेंगू का तुरंत पता लगाना मुश्‍किल होता है। मगर विश्‍व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अगर बुखार के साथ-साथ आपके शरीर पर लाल-लाल दाने दिखायी दें, आँखों में और माँसपेशियों में दर्द हो, तो यह डेंगू है। इसका एक और लक्षण है, जोड़ों में ज़बरदस्त दर्द होना, इसीलिए इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। यह बुखार पाँच से सात दिनों तक रहता है।

डॉक्टर अभी तक डेंगू के इलाज के लिए कोई दवा नहीं ढूँढ़ पाए हैं। मगर ज़्यादातर मामलों में घर पर इसका इलाज किया जा सकता है, जैसे आराम करना और भरपूर मात्रा में पानी और जूस जैसे तरल पदार्थ पीना। लेकिन मरीज़ पर हमेशा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि कभी-कभी ऐसा लगता है कि बुखार उतर रहा है और मरीज़ ठीक हो रहा है, मगर तभी यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है और उसे डेंगू हेमोरेजिक फीवर या डेंगू आघात सिंड्रोम हो जाता है। डेंगू के इन गंभीर रूपों के कुछ लक्षण क्या हैं? पेट में तेज़ दर्द उठना, बार-बार उलटी होना, नाक और मसूड़ों से खून आना, काले रंग का मल होना और त्वचा के नीचे लाल-गुलाबी फफोले पड़ना। इसके अलावा, डेंगू आघात सिंड्रोम के कुछ और लक्षण हैं बेचैनी होना, बहुत प्यास लगना, शरीर पीला और ठंडा पड़ना और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाना।

डेंगू, वायरस से फैलता है। इसलिए डेंगू का इलाज एन्टीबायोटिक दवाइयों से नहीं किया जा सकता क्योंकि ये जीवाणुओं पर असर करती हैं, वायरस पर नहीं। साथ ही, मरीज़ को ध्यान रखना चाहिए कि वह ऐस्प्‌रिन और आइब्युप्रोफन जैसी सूजन और दर्द कम करनेवाली दवाइयाँ न ले क्योंकि इससे खून बहने का खतरा और बढ़ सकता है। डेंगू वायरस चार किस्म के होते हैं और आपको एक-से-ज़्यादा बार भी डेंगू हो सकता है।

अगर आपको डेंगू हो जाता है, तो भरपूर आराम लीजिए और ढेर सारा पानी, जूस वगैरह पीजिए। इसके अलावा, जितना हो सके मच्छरदानी लगाकर सोइए ताकि मच्छर आपको काटकर दूसरों में यह बीमारी न फैला सके।

मच्छरों से बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं? पूरी बाँह के कपड़े पहनिए और मच्छर मारनेवाली दवाइयाँ छिड़किए। हालाँकि मच्छर दिन के किसी भी वक्‍त काट सकते हैं, मगर सूरज निकलने के दो घंटे बाद और सूरज ढलने से दो घंटे पहले खास एहतियात बरतिए, क्योंकि तभी मच्छर सबसे ज़्यादा हमला करते हैं। इसके अलावा, सोते समय मच्छरदानी लगाइए जिस पर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़की गयी हो।

यह तो वक्‍त ही बताएगा कि डेंगू से बचने के लिए जो नए टीके तैयार किए जा रहे हैं, वे असरदार साबित होंगे या नहीं। लेकिन एक बात साफ है कि परमेश्‍वर का राज ही सभी बीमारियों को हमेशा के लिए खत्म कर सकता है, डेंगू को भी। जी हाँ, वह वक्‍त ज़रूर आएगा जब परमेश्‍वर “[लोगों की] आँखों से हर आँसू पोंछ देगा, और न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा। पिछली बातें खत्म हो चुकी हैं।”—प्रकाशितवाक्य 21:3, 4. (g11-E 11)

[फुटनोट]

^ कुछ देशों में दूसरे किस्म के मच्छर जैसे एडिस एल्बोपिक्टस भी डेंगू का वायरस फैलाते हैं।

^ एडिस मच्छर जहाँ अंडे देती है, वहाँ से सौ गज़ की दूरी पर ही घूमती है।

[पेज 27 पर रेखाचित्र]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

देखें कि कहीं मच्छर यहाँ तो नहीं पनप रहे

1. फेंके हुए टायर

2. छज्जा जहाँ से बारिश का पानी बहता है

3. गमले

4. प्लास्टिक के डब्बे

5. फेंके हुए कनस्तर और ड्रम

मच्छरों के काटने से कैसे बचें

क. ऐसे कपड़े पहनें जिनसे आपका शरीर पूरी तरह ढक जाए। मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें

ख. सोते समय मच्छरदानी लगाएँ

[पेज 26 पर चित्र का श्रेय]

Source: Courtesy Marcos Teixeira de Freitas