बाइबल से सीखें अनमोल सबक

इस किताब में आप बाइबल में दिए सृष्टि के ब्यौरे से लेकर यीशु के जन्म, उसकी सेवा और परमेश्‍वर के राज के आने तक का ब्यौरा पढ़ सकते हैं।

शासी निकाय का खत

इस किताब का कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है?

पाठ 1

परमेश्‍वर ने आकाश और पृथ्वी बनायी

बाइबल में लिखा है कि परमेश्‍वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की। मगर यह सब बनाने से पहले उसने एक स्वर्गदूत को क्यों बनाया था?

पाठ 2

परमेश्‍वर ने पहले आदमी और पहली औरत को बनाया

परमेश्‍वर ने पहले आदमी और पहली औरत को बनाया और उन्हें अदन के बाग में बसाया। वह चाहता था कि वे अपना परिवार बढ़ाएँ और पूरी धरती को फिरदौस बनाएँ।

पाठ 3

आदम और हव्वा ने परमेश्‍वर की बात नहीं मानी

अदन के बाग का एक पेड़ क्यों खास था? हव्वा ने उसका फल क्यों खाया?

पाठ 4

गुस्सा करने से बुरा हुआ

परमेश्‍वर ने हाबिल की भेंट स्वीकार की, मगर कैन की नहीं। यह देखकर कैन को बहुत गुस्सा आया और उसने एक बहुत बुरा काम किया।

पाठ 5

नूह का जहाज़

बुरे स्वर्गदूतों ने औरतों से शादी की और उनके बेटे बड़े होकर गुंडे बने। हर कहीं हिंसा होने लगी। मगर नूह सबसे अलग था। वह परमेश्‍वर से प्यार करता और उसकी बात मानता था।

पाठ 6

जलप्रलय से आठ लोग बचे

40 दिन और 40 रात लगातार बारिश होने की वजह से जलप्रलय आया। नूह और उसका परिवार एक साल से भी ज़्यादा समय तक जहाज़ में रहा। फिर वे जहाज़ से बाहर आए।

पाठ 7

बाबेल की मीनार

लोगों ने सोचा कि वे एक शहर बनाएँगे और एक ऐसी मीनार बनाएँगे जिसकी चोटी आसमान से बातें करेगी। परमेश्‍वर ने अचानक क्यों ऐसा कर दिया कि वे अलग-अलग भाषाएँ बोलने लगे?

पाठ 8

अब्राहम और सारा ने परमेश्‍वर की बात मानी

अब्राहम और सारा ने कनान देश में जगह-जगह रहने के लिए शहर की आरामदायक ज़िंदगी क्यों छोड़ दी?

पाठ 9

लंबे समय के बाद एक बेटा हुआ!

परमेश्‍वर अब्राहम से किया अपना वादा कैसे पूरा करता? अब्राहम के किस बेटे के ज़रिए उसका वादा पूरा होता, इसहाक के ज़रिए या इश्‍माएल के ज़रिए?

पाठ 10

लूत की पत्नी को याद रखो

परमेश्‍वर ने सदोम और अमोरा पर आग और गंधक बरसायी। उन शहरों का क्यों नाश किया गया? हमें लूत की पत्नी को क्यों याद रखना चाहिए?

पाठ 11

विश्‍वास की परीक्षा

परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, ‘तू अपने इकलौते बेटे को मोरिया ले जा और वहाँ एक पहाड़ पर उसकी बलि चढ़ा।’ जब अब्राहम के विश्‍वास की परीक्षा होती तो वह क्या करता?

पाठ 12

विरासत याकूब को मिल गयी

इसहाक और रिबका के जुड़वाँ लड़के थे, एसाव और याकूब। एसाव पहले पैदा हुआ था, इसलिए वह खास विरासत पा सकता था। उसने एक कटोरी दाल के लिए यह आशीष क्यों गँवा दी?

पाठ 13

याकूब और एसाव ने सुलह कर ली

याकूब ने कैसे स्वर्गदूत से आशीर्वाद पाया? उसने कैसे एसाव से सुलह की?

पाठ 14

एक गुलाम ने परमेश्‍वर की बात मानी

यूसुफ सही काम करता था, फिर भी उसे बहुत दुख सहना पड़ा। क्यों?

पाठ 15

यहोवा यूसुफ को नहीं भूला

हालाँकि यूसुफ अपने परिवार से बहुत दूर था, मगर परमेश्‍वर उसके साथ था।

पाठ 16

अय्यूब कौन था?

उसने मुश्‍किल वक्‍त में भी यहोवा की बात मानी।

पाठ 17

मूसा ने यहोवा की उपासना करने का फैसला किया

नन्हे मूसा को उसकी माँ ने एक बढ़िया तरकीब निकालकर बचाया।

पाठ 18

जलती हुई झाड़ी

आग लगने पर भी झाड़ी क्यों नहीं जली?

पाठ 19

शुरू के तीन कहर

फिरौन इतना घमंडी था कि उसने एक आसान-सा काम करने से इनकार कर दिया। इसलिए उसके लोगों पर मुसीबत आयी।

पाठ 20

अगले छ: कहर

ये कहर, शुरू के तीन कहर से कैसे अलग थे?

पाठ 21

दसवाँ कहर

यह कहर इतना भयानक था कि घमंडी फिरौन आखिरकार मान गया।

पाठ 22

लाल सागर के पास चमत्कार

फिरौन दस कहर से बच गया, मगर क्या वह परमेश्‍वर के इस चमत्कार से बच पाता?

पाठ 23

उन्होंने यहोवा से एक वादा किया

जब इसराएली सीनै पहाड़ के पास डेरा डाले हुए थे तो उन्होंने परमेश्‍वर से एक खास वादा किया।

पाठ 24

उन्होंने अपना वादा तोड़ दिया

जब मूसा को दस आज्ञाएँ दी जा रही थीं, तब लोगों ने बहुत बड़ा पाप किया।

पाठ 25

उपासना के लिए पवित्र डेरा

इस खास तंबू में करार का संदूक रखा हुआ था।

पाठ 26

बारह जासूस

यहोशू और कालेब उन बाकी 10 आदमियों से अलग थे जो कनान देश की जासूसी करने गए थे।

पाठ 27

वे यहोवा के खिलाफ हो गए

कोरह, दातान, अबीराम और 250 आदमी यहोवा के बारे में एक अहम बात नहीं समझ पाए।

पाठ 28

बिलाम की गधी ने बात की

गधी ने उसे देखा जो बिलाम को दिखायी नहीं दे रहा था।

पाठ 29

यहोवा ने यहोशू को चुना

परमेश्‍वर ने यहोशू को ऐसी हिदायतें दीं जिन्हें मानने से आज हमें भी फायदा हो सकता है।

पाठ 30

राहाब ने जासूसों को छिपाया

यरीहो की दीवारें टूटकर गिर गयीं, मगर राहाब के घर को कुछ नहीं हुआ, इसके बावजूद कि वह दीवार पर बना था।

पाठ 31

यहोशू और गिबोनी लोग

यहोशू ने परमेश्‍वर से प्रार्थना की, ‘सूरज थम जाए!’ क्या परमेश्‍वर ने इस प्रार्थना का जवाब दिया?

पाठ 32

एक नया अगुवा और दो बहादुर औरतें

यहोशू की मौत के बाद इसराएली मूर्तिपूजा करने लगे। उनकी ज़िंदगी में मुश्‍किलें आ गयीं, मगर उन्हें न्यायी बाराक, भविष्यवक्‍तिन दबोरा और याएल के ज़रिए मदद दी गयी।

पाठ 33

रूत और नाओमी

दो औरतें, जिनके पति की मौत हो चुकी थी, इसराएल लौट गयीं। उनमें से एक औरत रूत खेतों में काम करने गयी जहाँ बोअज़ ने उसे देखा।

पाठ 34

गिदोन ने मिद्यानी लोगों को हराया

जब मिद्यानियों ने इसराएलियों का जीना मुश्‍किल कर दिया तो इसराएलियों ने यहोवा से मदद की बिनती की। गिदोन की छोटी सेना ने दुश्‍मन के 1,35,000 सैनिकों को कैसे हराया?

पाठ 35

हन्‍ना ने एक बेटे के लिए प्रार्थना की

एलकाना हन्‍ना, पनिन्‍ना और बच्चों को शीलो ले जाता था ताकि वे पवित्र डेरे के पास उपासना कर सकें। वहाँ हन्‍ना ने एक बेटे के लिए प्रार्थना की। अगले साल उसने शमूएल को जन्म दिया!

पाठ 36

यिप्तह का वादा

यिप्तह ने क्या वादा किया और क्यों? उसका वादा सुनकर उसकी बेटी ने क्या कहा?

पाठ 37

यहोवा ने शमूएल से बात की

महायाजक एली के दो बेटे पवित्र डेरे में याजक का काम करते थे, मगर वे परमेश्‍वर के नियम नहीं मानते थे। छोटा शमूएल उनसे अलग था। यहोवा ने उससे बात की।

पाठ 38

यहोवा ने शिमशोन को ताकतवर बनाया

परमेश्‍वर ने शिमशोन को ताकतवर बनाया ताकि वह पलिश्‍तियों से लड़े। मगर फिर उसने एक गलत फैसला किया जिस वजह से पलिश्‍तियों ने उसे पकड़ लिया।

पाठ 39

इसराएल का पहला राजा

परमेश्‍वर ने इसराएलियों को सही राह दिखाने के लिए न्यायी दिए, मगर उन्होंने राजा की माँग की। शमूएल ने शाऊल का अभिषेक किया ताकि वह राजा बने, मगर बाद में यहोवा ने उसे ठुकरा दिया। क्यों?

पाठ 40

दाविद और गोलियात

यहोवा, दाविद को इसराएल का अगला राजा चुनता है और दाविद साबित करता है कि यहोवा का फैसला सही है।

पाठ 41

दाविद और शाऊल

इनमें से एक आदमी दूसरे से क्यों नफरत करता है? जिससे नफरत की गयी वह कैसे पेश आता है?

पाठ 42

योनातान—एक बहादुर और वफादार इंसान

राजा का बेटा, दाविद का अच्छा दोस्त बन जाता है।

पाठ 43

राजा दाविद का पाप

एक गलत फैसले की वजह से कई मुसीबतें आ जाती हैं।

पाठ 44

यहोवा के लिए एक मंदिर

परमेश्‍वर राजा सुलैमान की बिनती सुनता है और उसे ढेरों आशीषें देता है।

पाठ 45

राज्य का बँटवारा

बहुत-से इसराएली यहोवा की सेवा करनी छोड़ देते हैं।

पाठ 46

करमेल पहाड़ पर एक परीक्षा

सच्चा परमेश्‍वर कौन है? यहोवा या बाल?

पाठ 47

यहोवा ने एलियाह को हिम्मत दी

आपको क्या लगता है, क्या वह आपको भी हिम्मत दे सकता है?

पाठ 48

एक विधवा का बेटा फिर से ज़िंदा हो गया

एक ही घर में दो चमत्कार!

पाठ 49

एक बुरी रानी को सज़ा मिली

इज़ेबेल, नाबोत का अंगूरों का बाग चुराने के लिए एक साज़िश करती है। यहोवा उसके बुरे काम को अनदेखा नहीं करता।

पाठ 50

यहोवा ने यहोशापात को बचाया

जब यहूदा देश को दुश्‍मनों से खतरा होता है तो अच्छा राजा यहोशापात परमेश्‍वर से मदद के लिए प्रार्थना करता है।

पाठ 51

एक बड़ा सेनापति और एक छोटी लड़की

एक छोटी इसराएली लड़की अपनी मालकिन को यहोवा की महाशक्‍ति के बारे में बताती है और इस वजह से एक चमत्कार होता है।

पाठ 52

आग की लपटों जैसी यहोवा की सेना

एलीशा का सेवक कैसे देख पाता है कि “उनके साथ जितने हैं उनसे कहीं ज़्यादा हमारे साथ हैं”?

पाठ 53

यहोयादा की हिम्मत

यहोवा का एक वफादार याजक एक दुष्ट रानी के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत करता है।

पाठ 54

यहोवा योना के साथ सब्र से पेश आया

ऐसा क्या हुआ कि परमेश्‍वर के एक भविष्यवक्‍ता को एक बड़ी मछली ने निगल लिया? वह कैसे बाहर आया? यहोवा ने योना को क्या सीख दी?

पाठ 55

यहोवा के स्वर्गदूत ने हिजकियाह की रक्षा की

यहूदा के दुश्‍मन कहते हैं कि यहोवा अपने लोगों को नहीं बचाएगा, मगर वे गलत सोच रहे हैं!

पाठ 56

योशियाह को परमेश्‍वर के कानून से बहुत प्यार था

योशियाह 8 साल की उम्र में यहूदा का राजा बनता है और अपने लोगों को यहोवा की उपासना करने में मदद देता है।

पाठ 57

यहोवा ने यिर्मयाह को प्रचार करने भेजा

इस जवान भविष्यवक्‍ता ने जो कहा उससे यहूदा के मुखियाओं को बहुत गुस्सा आया।

पाठ 58

यरूशलेम का नाश

यहूदा और यरूशलेम के लोग झूठे देवताओं को पूजना बंद नहीं करते, इसलिए यहोवा उन्हें छोड़ देता है।

पाठ 59

चार लड़के जिन्होंने यहोवा की आज्ञा मानी

बैबिलोन के शाही दरबार में भी यहूदा के जवान लड़के ठान लेते हैं कि वे यहोवा के वफादार रहेंगे।

पाठ 60

एक ऐसा राज जो हमेशा बना रहेगा

दानियेल नबूकदनेस्सर के अजीब-से सपने का मतलब बताता है।

पाठ 61

वे मूरत के आगे नहीं झुके

शदरक, मेशक और अबेदनगो बैबिलोन के राजा की सोने की मूरत को पूजने से इनकार कर देते हैं।

पाठ 62

एक बड़े पेड़ जैसा राज

नबूकदनेस्सर सपने में अपने ही भविष्य के बारे में देखता है।

पाठ 63

दीवार पर लिखाई

यह अजीबो-गरीब लिखाई कब दिखायी देती है और इसका क्या मतलब है?

पाठ 64

दानियेल, शेरों की माँद में

दानियेल की तरह हर दिन यहोवा से प्रार्थना कीजिए!

पाठ 65

एस्तेर ने अपने लोगों को बचाया

वह एक परदेसी और अनाथ थी, फिर भी वह एक रानी बन गयी।

पाठ 66

एज्रा ने परमेश्‍वर का कानून सिखाया

एज्रा की बात सुनने के बाद इसराएलियों ने परमेश्‍वर से एक खास वादा किया।

पाठ 67

यरूशलेम की दीवारें

नहेमायाह को खबर मिली कि दुश्‍मन हमला करनेवाला है। फिर भी वह क्यों नहीं डरा?

पाठ 68

इलीशिबा का बच्चा हुआ

इलीशिबा के पति जकरयाह से क्यों कहा गया कि बच्चा पैदा होने तक वह बात नहीं कर पाएगा?

पाठ 69

जिब्राईल मरियम के पास आया

उसने मरियम को एक ऐसा संदेश दिया जिससे मरियम की ज़िंदगी बदल गयी।

पाठ 70

स्वर्गदूतों ने यीशु के जन्म की खबर सुनायी

चरवाहों ने खबर सुनकर फौरन कदम उठाया।

पाठ 71

यहोवा ने यीशु की जान बचायी

एक बुरा राजा यीशु को मार डालना चाहता था।

पाठ 72

यीशु का लड़कपन

मंदिर में शिक्षकों ने यीशु में ऐसा क्या देखा कि वे दंग रह गए?

पाठ 73

यूहन्‍ना ने प्रचार किया कि मसीहा आनेवाला है

यूहन्‍ना बड़ा होकर एक भविष्यवक्‍ता बनता है। वह सिखाता है कि मसीहा आ रहा है। उसका संदेश सुनकर लोग क्या करते हैं?

पाठ 74

यीशु मसीहा बना

यूहन्‍ना की इस बात का क्या मतलब है कि यीशु परमेश्‍वर का मेम्ना है?

पाठ 75

शैतान ने यीशु की परीक्षा ली

शैतान तीन बार यीशु की परीक्षा लेता है। वह तीन बार कैसे यीशु को फुसलाने की कोशिश करता है? तब यीशु क्या करता है?

पाठ 76

यीशु ने मंदिर को शुद्ध किया

यीशु क्यों जानवरों को मंदिर से भगा देता है और पैसा बदलनेवाले सौदागरों की मेज़ें पलट देता है?

पाठ 77

कुएँ के पास एक औरत

एक सामरी औरत यह देखकर हैरान रह जाती है कि यीशु उससे बात कर रहा है। क्यों? यीशु उसे ऐसी कौन-सी बात बताता है जो उसने किसी और को नहीं बतायी थी?

पाठ 78

यीशु ने राज का प्रचार किया

यीशु अपने कुछ चेलों को न्यौता देता है कि वे ‘इंसानों को पकड़नेवाले बनें।’ बाद में वह अपने 70 चेलों को सिखाता है कि वे खुशखबरी कैसे सुनाएँ।

पाठ 79

यीशु ने बहुत-से चमत्कार किए

वह जहाँ कहीं जाता है बीमार लोग मदद के लिए उसके पास आते हैं और वह उन्हें ठीक करता है। यहाँ तक कि जब एक छोटी लड़की मर जाती है तो वह उसे ज़िंदा कर देता है।

पाठ 80

यीशु ने 12 प्रेषितों को चुना

यीशु उन्हें किस काम के लिए चुनता है? क्या आपको उनके नाम याद है?

पाठ 81

पहाड़ पर उपदेश

जब एक भीड़ जमा हो जाती है तो यीशु उसे कुछ अनमोल बातें सिखाता है।

पाठ 82

यीशु ने प्रार्थना करना सिखाया

यीशु चेलों को किन बातों के बारे में माँगते रहने के लिए कहता है?

पाठ 83

यीशु ने हज़ारों लोगों को खाना खिलाया

इस चमत्कार से हम यीशु और यहोवा के बारे में क्या जान पाते हैं?

पाठ 84

यीशु पानी पर चला

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह चमत्कार देखकर प्रेषितों को कैसा लगा होगा?

पाठ 85

सब्त के दिन यीशु का चमत्कार

यीशु जो करता है उससे हर कोई खुश क्यों नहीं है?

पाठ 86

यीशु ने लाज़र को ज़िंदा किया

जब यीशु मरियम को रोते हुए देखता है तो वह भी रो पड़ता है। मगर बहुत जल्द उनके दुख के आँसू खुशी के आँसुओं में बदल जाते हैं।

पाठ 87

यीशु का आखिरी भोज

यीशु अपने प्रेषितों के साथ आखिरी बार खाना खाते वक्‍त उन्हें कुछ ज़रूरी हिदायतें देता है।

पाठ 88

यीशु गिरफ्तार किया गया

यहूदा इस्करियोती तलवारों और लाठियों से लैस लोगों की एक बड़ी भीड़ को ले आता है ताकि वे यीशु को गिरफ्तार कर लें।

पाठ 89

पतरस ने यीशु को जानने से इनकार कर दिया

कैफा के घर के आँगन में क्या होता है? घर के अंदर यीशु के साथ क्या होता है?

पाठ 90

गुलगुता में यीशु की मौत

पीलातुस ने यीशु को मार डालने का हुक्म क्यों दिया?

पाठ 91

यीशु को ज़िंदा किया गया

यीशु को मार डालने के बादवाले दिनों में कौन-सी हैरतअंगेज़ घटनाएँ हुईं?

पाठ 92

यीशु मछुवारों को दिखायी दिया

यीशु उनका ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए क्या करता है?

पाठ 93

यीशु स्वर्ग लौट गया

मगर जाने से पहले वह अपने चेलों को कुछ बहुत ही ज़रूरी हिदायतें देता है।

पाठ 94

चेलों ने पवित्र शक्‍ति पायी

पवित्र शक्‍ति की मदद से वे क्या कर पाते हैं?

पाठ 95

वे प्रचार करने से नहीं रुके

जिन धर्म गुरुओं ने यीशु को मरवा डाला था वे अब उसके चेलों का प्रचार काम बंद करवाने की कोशिश करते हैं। मगर वे नाकाम हो जाते हैं।

पाठ 96

यीशु ने शाऊल को चुना

शाऊल, मसीहियों का दुश्‍मन है और वह उन्हें बुरी तरह सताता है। मगर अब वह बदलनेवाला है।

पाठ 97

कुरनेलियुस ने पवित्र शक्‍ति पायी

परमेश्‍वर, पतरस को इस आदमी के घर क्यों भेजता है जो एक यहूदी नहीं है?

पाठ 98

मसीही धर्म कई देशों में फैल गया

प्रेषित पौलुस और उसके मिशनरी साथी दूर-दूर के देशों में प्रचार काम शुरू करते हैं।

पाठ 99

एक जेलर ने सच्चाई सीखी

पौलुस और सीलास को जेल में क्यों डाला गया? जेलर ने सच्चाई कैसे सीखी?

पाठ 100

पौलुस और तीमुथियुस

ये दोनों अच्छे दोस्त हैं और कई साल तक साथ मिलकर सेवा करते हैं।

पाठ 101

पौलुस को रोम भेजा गया

इस सफर में खतरे-ही-खतरे हैं, मगर कोई भी मुश्‍किल इस प्रेषित का जोश ठंडा नहीं कर सकती।

पाठ 102

यूहन्‍ना को दर्शन दिखाए गए

यीशु उसे भविष्य के बारे में एक-एक करके कई दर्शन दिखाता है।

पाठ 103

“तेरा राज आए”

जब यूहन्‍ना को दर्शन दिखाए गए कि आगे क्या-क्या होगा तो उसे यह भी बताया गया कि परमेश्‍वर का राज धरती पर इंसानों की ज़िंदगी कैसे बदल देगा।